ज़िन्दगी में अनोखे रंग भरे हैं .......ईश्वर ने । रंग मौसम के ....रंग भावों के ...... रंग संवेदनाओं के । इन्हीं रंगों को देखने , समझने , और अभिव्यक्त करने की कोशिश है ये ब्लॉग.... ...... ज़िन्दगी - ऐ- ज़िन्दगी.... ।
सोमवार, 11 अक्तूबर 2010
तुम्हारी खूबसूरती
बासनों की रगड़ी मिट्टी की सुगंध से जो लोग बैठे हैं बहुत दूर देर रात तक कानों में उतरती पाजेबों की छनक छाए रहती है
तुम्हारी खूबसूरती कितना मायने रखती है उनके लिए जिनके तकिये के दोनों किनारे हर सुबह दो ओस की बूँदें टंगी मिलती है
यह रचना छोटी भले ही हो मगर मन पर अपना प्रभाव अवश्य छोड़ती है! -- 13 अक्टूबर के चर्चा मंच पर इसको चर्चा में ले रहा हूँ! http://charchamanch.blogspot.com/
जिनके तकिये के दोनों किनारे
जवाब देंहटाएंहर सुबह
दो ओस की बूँदें टंगी मिलती है
क्या खूब चैन सिंह जी, बहुत ही सुन्दर रचना. मुझे भी कुछ याद आ गया.
यह रचना छोटी भले ही हो मगर
जवाब देंहटाएंमन पर अपना प्रभाव अवश्य छोड़ती है!
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13 अक्टूबर के चर्चा मंच पर इसको चर्चा में ले रहा हूँ!
http://charchamanch.blogspot.com/
वाह !कितनी अच्छी रचना लिखी है आपने..! बहुत ही पसंद आई
जवाब देंहटाएंसुन्दर ...भावपूर्ण
जवाब देंहटाएंवाह ! बेहद सुन्दर भाव्।
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