जब से वो मशहूर हो गए ।
ख़ुद से कितना दूर हो गए ।
बाहर इतनी चमक बिखेरी
भीतर से बेनूर हो गए ।
देखा जिनको सजदे में था
इश्क हुआ मगरूर हो गए ।
घिन से चेहरे मुफ़लिसी के
दौलत आई हूर हो गए ।
ख़ुद को देखें आँख पराई
दुनिया के दस्तूर हो गए ।
अच्छी गजल ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
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