शनिवार, 2 मार्च 2013

शब्द

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शब्द 
बहाने ढूंढता है 
गढ़ता है 
और मढ़ देता है 

परत दर परत 
भाषा का लेप 
एक अतिरेक 
और अतिरिक्त 
अनावश्यकता  को 
जन्मता है 

शब्द 
संवेदना का पूरक नहीं 
आभास है 
मात्र 

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