हमने अपने गिरेबान देखे
दोस्तों की आँखों में
हिकारत देखी ,
पीछे छूट गए सारे
मासूमियत के लवाजमें
उम्र का ऐसा असर
पहली बार देखा है।
तुमने अपनी शोखियाँ देखीं
दोस्तों की आँखों में
न जाने क्या देखा
सुनहरी पंख सारे
सिमटकर स्याह हो गए
उम्र का ऐसा असर
पहली बार देखा है।
आज आपकी सभी कविताएं पढी.......आप भाव व कथ्य दोनों स्तर पर सशक्त है........आपका अभिव्यक्ति कौशल और विषय चुनाव बेजोङ है......श्रेष्ठ सृजन अनवरत रखे बन्धु...शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंUmr ka aisa asar pehli baar dekha hai....
जवाब देंहटाएंWah!
बहुत दिनों बाद इतनी बढ़िया कविता पड़ने को मिली.... गजब का लिखा है
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