हवा
जब भी गुज़रती है
सरसों के खेत से होकर
दो चार पीले फूल टंग जाते हैं
उसकी कमीज़ के बटन में
और पीठ पर गूंजती दिखती है
एक भीनी भीनी सी थाप
इन रंगों और खुशबुओं की उम्र
कोई बहुत ज्यादा तो नहीं
मगर सूखे मौसमों के दौर में
आँखों में उतार लेंगे वो पीली सुगंध
छाती भर सांस
कुछ कदम और चलने का हौसला देगी
इन रंगों और खुशबुओं की उम्र
जवाब देंहटाएंकोई बहुत ज्यादा तो नहीं
मगर सूखे मौसमों के दौर में
आँखों में उतार लेंगे वो पीली सुगंध
छाती भर सांस
कुछ कदम और चलने का हौसला देगी...bahut badhiyaa
भाई चैन सिंह जी,
जवाब देंहटाएंवाह जी,वाह !
क्या गज़ब लिखते हो !
बधाई !
बहुत खूब! बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंप्रेम दिवस की शुभकामनाएँ!
आज के दिन इस मौसम के साथ इश्क हों गया है.. बहुत सोलिड लिखते हों बॉस..खूब...
जवाब देंहटाएंमनोज
मगर सूखे मौसमों के दौर में
जवाब देंहटाएंआँखों में उतार लेंगे वो पीली सुगंध
छाती भर सांस
कुछ कदम और चलने का हौसला देगी
सही कह रहे हैं……………बेहद भावभीनी प्रस्तुति।
इन रंगों और खुशबुओं की उम्र
जवाब देंहटाएंकोई बहुत ज्यादा तो नहीं
मगर सूखे मौसमों के दौर में
आँखों में उतार लेंगे वो पीली सुगंध
छाती भर सांस
कुछ कदम और चलने का हौसला देगी
sundar abhivyakti! man ko chuti hai !
इन रंगों और खुशबुओं की उम्र
जवाब देंहटाएंकोई बहुत ज्यादा तो नहीं
मगर सूखे मौसमों के दौर में
आँखों में उतार लेंगे वो पीली सुगंध
छाती भर सांस
कुछ कदम और चलने का हौसला देगी
आम सी पंक्तियाँ जिन्हें सुंदर शब्द देकर आपने ख़ास बना दिया है..... सुंदर चित्रण
बहुत अच्छी लगी रचना
बहुत खूब! बहुत सुन्दर|धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंआपका शब्द चयन व्यवस्थित और सरल प्रवाहमय रहा ! !आप कामयाब हैं ....शुभकामनायें !!
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