
हवा
जब भी गुज़रती है
सरसों के खेत से होकर
दो चार पीले फूल टंग जाते हैं
उसकी कमीज़ के बटन में
और पीठ पर गूंजती दिखती है
एक भीनी भीनी सी थाप
इन रंगों और खुशबुओं की उम्र
कोई बहुत ज्यादा तो नहीं
मगर सूखे मौसमों के दौर में
आँखों में उतार लेंगे वो पीली सुगंध
छाती भर सांस
कुछ कदम और चलने का हौसला देगी